Public Holiday : पंजाब में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के उपलक्ष्य में 6 जनवरी 2025 सोमवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है. इस दिन राज्य के सभी सरकारी संस्थान, स्कूल और कार्यालय बंद रहेंगे. गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर छुट्टी का यह निर्णय राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को सम्मान देने के लिए लिया गया है.
लगातार दो छुट्टियों का लाभ
इस बार पंजाब के लोगों को लगातार दो छुट्टियों का लाभ मिलेगा. 5 जनवरी को रविवार और 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के चलते लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ इन छुट्टियों का आनंद ले सकेंगे. यह समय धार्मिक गतिविधियों और सामुदायिक आयोजनों के लिए भी उपयुक्त रहेगा.
पंजाब यूनिवर्सिटी ने भी घोषित किया अवकाश
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ ने भी 6 जनवरी 2025 को अपने सभी कार्यालयों, संस्थानों, क्षेत्रीय केंद्रों, ग्रामीण केंद्रों और संबद्ध कॉलेजों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. यह निर्णय छात्रों और कर्मचारियों को गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाने का अवसर देने के लिए लिया गया है. विश्वविद्यालय परिसर में इस दिन किसी भी प्रकार की शैक्षणिक या प्रशासनिक गतिविधि नहीं होगी.
ठंड के कारण स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियाँ बढ़ाई गईं
भीषण ठंड को देखते हुए, पंजाब सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में शीतकालीन छुट्टियों को 7 जनवरी 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. यह कदम छात्रों और बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी सिख धर्म के दसवें गुरु थे. उनका जन्म 1666 में हुआ था और वे सिख धर्म को एक सशक्त और संगठित रूप देने वाले महान योद्धा, कवि और संत के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने “खालसा पंथ” की स्थापना की और सिख धर्म के सिद्धांतों को मजबूत किया. उनकी जयंती पर लोग उनकी शिक्षाओं और आदर्शों को याद करते हैं.
राज्यभर में होंगे धार्मिक आयोजन
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर राज्यभर में धार्मिक आयोजन होंगे. गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन, प्रार्थना सभाएं और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान श्रद्धालु गुरु जी के उपदेशों और आदर्शों को आत्मसात करने का प्रयास करेंगे.
समुदाय को एकजुट करने का अवसर
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती का पर्व न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है. यह दिन सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारे और एकता का संदेश देता है. विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग इस अवसर पर एकजुट होकर गुरु जी की शिक्षाओं का अनुसरण करते हैं.